नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हुए 4000 प्ले स्कूल

नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हुए 4000 प्ले स्कूल

नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हुए 4000 प्ले स्कूल

नए शैक्षणिक सत्र के लिए तैयार हुए 4000 प्ले स्कूल

आज प्ले स्कूल स्तर पर लगेगा स्कूल रेडीनेस मेला

घर-घर जाकर अभिभावकों को जागरूक कर रही हैं आंगनवाडी वर्कर, हैल्पर

चंडीगढ़। खेल-खेल में सीखने की प्रवृति को बढावा देने और स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चे पहुंच सकें, इस लक्ष्य पर महिला एवं बाल विकास विभाग ने कदम बढा दिए हैं। हरियाणा में एक अप्रैल से 4000 आंगनवाडी केंद्र प्ले स्कूल की तर्ज पर अपनी गतिविधियां शुरू करने जा रही हैं। इसके लिए मुख्यालय से लेकर फील्ड स्तर पर योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। 31 मार्च को प्रदेश के सभी प्ले स्कूल पर स्कूल रेडीनेस मेले आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें अभिभावकों को 3 से 5 साल के बच्चे की प्ले स्कूल में जाने की अहमियत पर जागरूक किया जाएगा और अधिक से अधिक पंजीकरण करने सुनिश्चित किए जाएंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने प्रदेश के 4000 आंगनवाडी केंद्रों को प्ले स्कूल के तौर पर शुरू करने को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक पल बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पहले चरण में 4000 प्ले स्कूल शुरू करने का जो संकल्प लिया था, उसे विभाग पूरा करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को स्कूल में जाने के लिए तैयार करना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सबसे अहम भाग है और हमें खुशी है कि हरियाणा सबसे पहली और अहम कडी को एक अप्रैल से जमीनी स्तर पर शुरू कर रहा है।
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि विभाग का लक्ष्य पहले चरण में 4000 प्ले स्कूल शुरू करने का था। हमने न केवल इस लक्ष्य को पूरा कर लिया है, अपितु प्रदेश की सभी आंगनवाडी वर्करों को प्ले स्कूल के अनुसार प्रशिक्षण भी दिया है। उन्होंने कहा कि लगातार आंगनवाडी वर्कर, हैल्पर अपने-अपने दायरे में अभिभावकों से घर-घर जाकर मुलाकात कर रही हैं। 
उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा 31 मार्च को सभी प्ले स्कूल पर स्कूल रेडीनेस मेला आयोजित किया जा रहा है, ताकि एक अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र में अधिक से अधिक बच्चों का पंजीकरण करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को स्कूल के लिए जितना मजबूत आधार दिया जाएगा, उतना ही नींव मजबूत होगी। 

सभी जिलों में तैयार हुए प्ले स्कूल
राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने बताया कि अंबाला में 253, भिवानी में 173, चरखी दादरी में 124, फरीदाबाद में 117, फतेहाबाद में 234, गुरूग्राम में 104, हिसार में 219, झज्जर में 100, जींद में 201, कैथल में 240, करनाल में 291, कुरूक्षेत्र में 377, महेंद्रगढ में 142, नूंह में 84, पलवल में 122, पंचकुला में 47, पानीपत में 146, रेवाडी में 165, रोहतक में 100, सिरसा में 198, सोनीपत में 220 तथा यमुनानगर में 343 आंगनवाडी केंद्रों को प्ले स्कूल के तौर पर विकसित किया जा चुका है।